http://www.ijidd.com/File_Folder/66-75.pdf ------यह नवीनतम रिसर्च पेपर है
इन्हे खाने पीने से किड्नी स्टोन पेशाब के रास्ते टूट कर निकल जायगा:-
इन्हे खाने पीने से किड्नी स्टोन पेशाब के रास्ते टूट कर निकल जायगा:-
2. पूरे दिन मे 3 लीटर या ज़्यादा पानी पिए ताकि 2.5 लीटर या अधिक मूत्र/ पेशाब/यूरिन आए ।
3. हर आधे घंटे पर 2 गिलास पानी पिएं ।
4. नाश्ते मे तोरी या लौकी के साथ रोटी खाएँ ।
5. रात के खाने मे राजमा के साथ रोटी खाएँ ।
6. पूरे दिन मे कोक, पेप्सी, चिप्स, क्रेक्स,अचार,चटनी आदि ना खाएँ ।
7. रोज 10 केले और 10 आलू (बिना नमक या मसाला लगाए ) खाने हैं ; उबले आलू मे नींबू निचोड़कर खाएं ।
8. रोज 1 पाव चीकू खाएं ।
भ्रम
कई वेबसाइट पर लिखा होगा कि फलाँ दवाई से स्टोन जल्दी निकलेगा या लिथोट्रिप्सी ही स्टोन का एक मात्र इलाज है । पालक के बारे मे कुछ वेबसाइट लिखती है कि यह नुकसान करती है जबकि कुछ वेबसाइट पालक का जूस पीने के सलाह देती है । हमने इन सारी बातों का अध्ययन करने के बाद ही केवल वे सब्जी / फल लिखे हैं जिनके बारे मे कोई मतभेद नही है ।इन्हे खाने पीने से किड्नी स्टोन पेशाब के रास्ते टूट टूट कर निकल जायगा :
Contraindicated diets for Stone patients: इन्हे खाने पीने से किड्नी स्टोन का ख़तरा बढ़ सकता है :
What we should not eat in Kidney stones:
1. उष्ण मिर्च-मसालों व अम्लीय रस से बने खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।2. चाय, कॉफी व शराब का सेवन न करें।
3. चायनीज़ व फास्ट फूड वृक्कों की विकृति में बहुत हानिकारक हैं।
4. मूत्र के वेग को अधिक समय तक न रोकें।
5. अधिक शारीरिक श्रम और भारी वजन उठाने के काम न करें। यदि हमारा व्यवसाय इस तरह का है की भारी श्रम ज़रुरू है और गर्मी मे कम करना पड़ता है तो खूब पानी पिए
यह नुस्खे संक्षिप्त मे दे रखे हैं इनके प्रयोग की विधि उपलब्ध नही है
* वृक्कों में पथरी होने पर नारियल का अधिक सेवन करें।
* वृक्कों में पथरी होने पर नारियल का अधिक सेवन करें।
* करेले के 10 ग्राम रस में मिसरी मिलाकर पिएं।
* आंवले का 5 ग्राम चूर्ण मूली के टुकड़ों पर डालकर खाने से वृक्कों की पथरी नष्ट होती है।
* शलजम की सब्जी का कुछ दिनों तक निरंतर सेवन करें।
* वृक्कों की पथरी होने पर प्रतिदिन खीरा, प्याज व चुकंदर का नीबू के रस से बना सलाद खाएं।
* गन्ने का रस पीने से पथरी नष्ट होती है।
* मूली के 25 ग्राम बीजों को जल में उबालकर, क्वाथ बनाएं। इस क्वाथ को छानकर पिएं।
* चुकंदर का सूप बनाकर पीने से पथरी रोग में लाभ होता है।
* मूली का रस सेवन करने से पथरी नष्ट होती है।
* जामुन, सेब और खरबूजे खाने से पथरी के रोगी को बहुत लाभ होता है।
*कलमी शोरा, बड़ी इलायची के दाने, मलाई रहित ठंडा दूध व पानी: कलमी शोरा व बड़ी इलायची के दाने महीन पीसकर दोनों चूर्ण समान मात्रा में लाकर मिलाकर शीशी में भर लें।एक भाग दूध व एक भाग ठंडा पानी मिलाकर फेंट लें, इसकी मात्रा 300 ml होनी चाहिए। एक चम्मच चूर्ण फांककर यह फेंटा हुआ दूध पी लें। यह पहली खुराक हुई। दूसरी खुराक दोपहर में व तीसरी खुराक शाम को लें। दो दिन तक यह प्रयोग करने से पेशाब की जलन दूर होती है व मुँह के छाले व पित्त सुधरता है। शीतकाल में दूध में कुनकुना पानी मिलाएँ।
* महर्षि सुश्रुत के अनुसार सात दिन तक गौदुग्ध के साथ गोक्षुर पंचांग का सेवन कराने में पथरी टूट-टूट कर शरीर से बाहर चली जाती है । मूत्र के साथ यदि रक्त स्राव भी हो तो गोक्षुर चूर्ण को दूध में उबाल कर मिश्री के साथ पिलाते हैं ।
* गोमूत्र के सेवन से भी पथरी टूट कर निकल जाती है ।
* मूत्र रोग संबंधी सभी शिकायतों यथा प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने से पेशाब का रुक-रुक कर आना, पेशाब का अपने आप निकलना (युरीनरी इनकाण्टीनेन्स), नपुंसकता, मूत्राशय की पुरानी सूजन आदि में गोखरू 10 ग्राम, जल 150 ग्राम, दूध 250ग्राम को पकाकर आधा रह जाने पर छानकर नित्य पिलाने से मूत्र मार्ग की सारी विकृतियाँ दूर होती हैं ।
* गिलास अनन्नास का रस, १ चम्मच मिश्री डालकर भोजन से पूर्वलेने से पिशाब खुलकरआता है और पिशाब सम्बन्धी अन्य समस्याए दूर होती है|
* कपालभाती प्राणायाम करें .
* हरी सब्जियां , टमाटर , काली चाय,चॉकलेट , अंगूर , बीन्स , नमक , एंटासिड , विटामिन डी सप्लीमेंट कम ले .
* रोजाना विटामिन बी-६ (कम से कम १० मि.ग्रा. ) और मैग्नेशियम ले .
* यवक्षार ( जौ की भस्म ) का सेवन करें .
* मूली और उसकी हरी पत्तियों के साथ सब्जी का सुबह सेवन करें .
* ६ ग्राम पपीते को जड़ को पीसकर ५० ग्राम पानी मिलकर २१दिन तक प्रातः और सायं पीने से पथरी गल जाती है।
* मेहंदी की छाल को उबाल कर पीने से पथरी घुल जाती है .
* नारियल का पानी पीने से पथरी में फायदा होता है।
*15 दाने बडी इलायची के एक चम्मच, खरबूजे के बीज की गिरी और दो चम्मच मिश्री, एक कप पानी में मिलाकर सुबह-शाम दो बार पीने से पथरी निकल जाती है।
* पका हुआ जामुन पथरी से निजात दिलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पथरी होने पर पका हुआ जामुन खाना चाहिए।
* बथुआ की सब्जी खाए .
* आंवला भी पथरी में बहुत फायदा करता है।आंवला का चूर्ण मूली के साथ खाने से मूत्राशय की पथरी निकल जाती है।
* जीरे और चीनी को समान मात्रा में पीसकर एक-एक चम्मच ठंडे पानी से रोज तीन बार लेने से लाभ होता है और पथरी निकल जाती है।
* सहजन की सब्जी खाने से गुर्दे की पथरी टूटकर बाहर निकल जाती है।
* आम के पत्ते छांव में सुखाकर बहुत बारीक पीस लें और आठ ग्राम रोज पानी के साथ लीजिए, फायदा होगा ।
* मिश्री, सौंफ, सूखा धनिया लेकर 50-50 ग्राम मात्रा में लेकर डेढ लीटर पानी में रात को भिगोकर रख दीजिए। अगली शाम को इनको पानी से छानकर पीस लीजिए और पानी में मिलाकर एक घोल बना लीजिए, इस घोल को पीजिए। पथरीनिकल जाएगी।
* चाय, कॉफी व अन्य पेय पदार्थ जिसमें कैफीन पाया जाता है, उन पेय पदार्थों का सेवन बिलकुल मत कीजिए।
* तुलसी के बीज का हिमजीरा दानेदार शक्कर व दूध के साथ लेने से मूत्र पिंड में फ़ंसी पथरी निकल जाती है।
* जीरे को मिश्री की चासनी अथवा शहद के साथ लेने पर पथरी घुलकर पेशाब के साथ निकल जाती है।
*बेल पत्थर को पर जरा सा पानी मिलाकर घिस लें, इसमें एक साबुत काली मिर्च डालकर सुबह काली मिर्च खाएं। दूसरे दिन काली मिर्च दो कर दें और तीसरे दिन तीन ऐसे सात काली मिर्च तक पहुंचे।आठवें दिन से काली मिर्च की संख्या घटानी शुरू कर दें और फिर एक तक आ जाएं। दो सप्ताह के इस प्रयोग से पथरी समाप्त हो जातीहै। याद रखें एक बेल पत्थर दो से तीन दिन तक चलेगा
* लाजवंती की जड़ को जल में उबालकर कवाथ बनाकर पीने से पथरी का निष्कासन हो जाता है।
* इलायची, खरबूजे के बीजों की गिरी और मिसरी सबको कूट-पीसकर जल में मिलाकर पीने से पथरी नष्ट होती है।* आंवले का 5 ग्राम चूर्ण मूली के टुकड़ों पर डालकर खाने से वृक्कों की पथरी नष्ट होती है।
* शलजम की सब्जी का कुछ दिनों तक निरंतर सेवन करें।
* वृक्कों की पथरी होने पर प्रतिदिन खीरा, प्याज व चुकंदर का नीबू के रस से बना सलाद खाएं।
* गन्ने का रस पीने से पथरी नष्ट होती है।
* मूली के 25 ग्राम बीजों को जल में उबालकर, क्वाथ बनाएं। इस क्वाथ को छानकर पिएं।
* चुकंदर का सूप बनाकर पीने से पथरी रोग में लाभ होता है।
* मूली का रस सेवन करने से पथरी नष्ट होती है।
* जामुन, सेब और खरबूजे खाने से पथरी के रोगी को बहुत लाभ होता है।
*कलमी शोरा, बड़ी इलायची के दाने, मलाई रहित ठंडा दूध व पानी: कलमी शोरा व बड़ी इलायची के दाने महीन पीसकर दोनों चूर्ण समान मात्रा में लाकर मिलाकर शीशी में भर लें।एक भाग दूध व एक भाग ठंडा पानी मिलाकर फेंट लें, इसकी मात्रा 300 ml होनी चाहिए। एक चम्मच चूर्ण फांककर यह फेंटा हुआ दूध पी लें। यह पहली खुराक हुई। दूसरी खुराक दोपहर में व तीसरी खुराक शाम को लें। दो दिन तक यह प्रयोग करने से पेशाब की जलन दूर होती है व मुँह के छाले व पित्त सुधरता है। शीतकाल में दूध में कुनकुना पानी मिलाएँ।
* महर्षि सुश्रुत के अनुसार सात दिन तक गौदुग्ध के साथ गोक्षुर पंचांग का सेवन कराने में पथरी टूट-टूट कर शरीर से बाहर चली जाती है । मूत्र के साथ यदि रक्त स्राव भी हो तो गोक्षुर चूर्ण को दूध में उबाल कर मिश्री के साथ पिलाते हैं ।
* गोमूत्र के सेवन से भी पथरी टूट कर निकल जाती है ।
* मूत्र रोग संबंधी सभी शिकायतों यथा प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने से पेशाब का रुक-रुक कर आना, पेशाब का अपने आप निकलना (युरीनरी इनकाण्टीनेन्स), नपुंसकता, मूत्राशय की पुरानी सूजन आदि में गोखरू 10 ग्राम, जल 150 ग्राम, दूध 250ग्राम को पकाकर आधा रह जाने पर छानकर नित्य पिलाने से मूत्र मार्ग की सारी विकृतियाँ दूर होती हैं ।
* गिलास अनन्नास का रस, १ चम्मच मिश्री डालकर भोजन से पूर्वलेने से पिशाब खुलकरआता है और पिशाब सम्बन्धी अन्य समस्याए दूर होती है|
* कपालभाती प्राणायाम करें .
* हरी सब्जियां , टमाटर , काली चाय,चॉकलेट , अंगूर , बीन्स , नमक , एंटासिड , विटामिन डी सप्लीमेंट कम ले .
* रोजाना विटामिन बी-६ (कम से कम १० मि.ग्रा. ) और मैग्नेशियम ले .
* यवक्षार ( जौ की भस्म ) का सेवन करें .
* मूली और उसकी हरी पत्तियों के साथ सब्जी का सुबह सेवन करें .
* ६ ग्राम पपीते को जड़ को पीसकर ५० ग्राम पानी मिलकर २१दिन तक प्रातः और सायं पीने से पथरी गल जाती है।
* मेहंदी की छाल को उबाल कर पीने से पथरी घुल जाती है .
* नारियल का पानी पीने से पथरी में फायदा होता है।
*15 दाने बडी इलायची के एक चम्मच, खरबूजे के बीज की गिरी और दो चम्मच मिश्री, एक कप पानी में मिलाकर सुबह-शाम दो बार पीने से पथरी निकल जाती है।
* पका हुआ जामुन पथरी से निजात दिलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पथरी होने पर पका हुआ जामुन खाना चाहिए।
* बथुआ की सब्जी खाए .
* आंवला भी पथरी में बहुत फायदा करता है।आंवला का चूर्ण मूली के साथ खाने से मूत्राशय की पथरी निकल जाती है।
* जीरे और चीनी को समान मात्रा में पीसकर एक-एक चम्मच ठंडे पानी से रोज तीन बार लेने से लाभ होता है और पथरी निकल जाती है।
* सहजन की सब्जी खाने से गुर्दे की पथरी टूटकर बाहर निकल जाती है।
* आम के पत्ते छांव में सुखाकर बहुत बारीक पीस लें और आठ ग्राम रोज पानी के साथ लीजिए, फायदा होगा ।
* मिश्री, सौंफ, सूखा धनिया लेकर 50-50 ग्राम मात्रा में लेकर डेढ लीटर पानी में रात को भिगोकर रख दीजिए। अगली शाम को इनको पानी से छानकर पीस लीजिए और पानी में मिलाकर एक घोल बना लीजिए, इस घोल को पीजिए। पथरीनिकल जाएगी।
* चाय, कॉफी व अन्य पेय पदार्थ जिसमें कैफीन पाया जाता है, उन पेय पदार्थों का सेवन बिलकुल मत कीजिए।
* तुलसी के बीज का हिमजीरा दानेदार शक्कर व दूध के साथ लेने से मूत्र पिंड में फ़ंसी पथरी निकल जाती है।
* जीरे को मिश्री की चासनी अथवा शहद के साथ लेने पर पथरी घुलकर पेशाब के साथ निकल जाती है।
*बेल पत्थर को पर जरा सा पानी मिलाकर घिस लें, इसमें एक साबुत काली मिर्च डालकर सुबह काली मिर्च खाएं। दूसरे दिन काली मिर्च दो कर दें और तीसरे दिन तीन ऐसे सात काली मिर्च तक पहुंचे।आठवें दिन से काली मिर्च की संख्या घटानी शुरू कर दें और फिर एक तक आ जाएं। दो सप्ताह के इस प्रयोग से पथरी समाप्त हो जातीहै। याद रखें एक बेल पत्थर दो से तीन दिन तक चलेगा
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गुर्दे की पथरी, गुर्दे की पथरी का इलाज, गुर्दे की पथरी का देसी इलाज, गुर्दे की पथरी का रोहानी इलाज, गुर्दे की पथरी का बगीर ऑपरेशन इलाज, किडनी स्टोन,गुर्ड़ी की पथरी का बेहतरीन ओर आज़्मूदा इलाज,पथरी निकलने के लिए ,किड्नी स्टोन,पेशाब के ज़रिए गुर्दे की पथरी भर निकल जाईगी
इमली भी किड्नी स्टोन को निकलती है http://kaveri.org/wp/2006/11/kidney-ailment/
पथरी
October 31, 2014 / 7:33 am IST / विविध, समाचार, स्वास्थ्य.
शरीर में अम्लता बढने से लवण जमा होने लगते है और जम कर पथरी बन जाते है . शुरुवात में कई दिनों तक मूत्र में जलन आदि होती है , जिस पर ध्यान ना देने से स्थिति बिगड़जाती है .
धूप में व तेज गर्मी में काम करने से व घूमने से उष्ण प्रकृति के पदार्थों के अति सेवन से मूत्राशय परगर्मी का प्रभाव हो जाता है, जिससे पेशाब में जलन होती है।
कभी-कभी जोर लगाने पर पेशाब होती है, पेशाब में भारी जलन होती है, ज्यादा जोर लगाने पर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पेशाब होती है। इस व्याधि को आयुर्वेद में मूत्र कृच्छ कहा जाता है। इसका उपचार है-
उपचार :
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इमली भी किड्नी स्टोन को निकलती है http://kaveri.org/wp/2006/11/kidney-ailment/
पथरी
October 31, 2014 / 7:33 am IST / विविध, समाचार, स्वास्थ्य.
शरीर में अम्लता बढने से लवण जमा होने लगते है और जम कर पथरी बन जाते है . शुरुवात में कई दिनों तक मूत्र में जलन आदि होती है , जिस पर ध्यान ना देने से स्थिति बिगड़जाती है .
धूप में व तेज गर्मी में काम करने से व घूमने से उष्ण प्रकृति के पदार्थों के अति सेवन से मूत्राशय परगर्मी का प्रभाव हो जाता है, जिससे पेशाब में जलन होती है।
कभी-कभी जोर लगाने पर पेशाब होती है, पेशाब में भारी जलन होती है, ज्यादा जोर लगाने पर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पेशाब होती है। इस व्याधि को आयुर्वेद में मूत्र कृच्छ कहा जाता है। इसका उपचार है-
उपचार :