कुलथी दाल किड्नी स्टोन की रामबाण दवा है।
कुलथी उड़द के समान होती है। यह देखने में लाल रंग की होती है, इसकी दाल बना कर रोगी को दी जाती है।
कुछ वैज्ञानिक कहते हैं कि यह मूत्र की मात्रा बढ़ाती है जबकि कुछ कहते हैं कि कुलथी के सेवन से पथरी टूट कर या धुल कर छोटी होती जाती है, जिससे पथरी सरलता से मूत्राशय में जाकर पेशाब के रास्ते से बाहर आ जाती है। इसके सेवन से पेशाब की मात्रा और गति बढ़ जाती है, जिससे रुके हुए पथरी कण पर दबाव ज्यादा पड़ने के कारण वह नीचे की ओर खिसक कर बाहर हो जाती है। दिए गये लिंक पर रिसर्च पेपर पढ़ें ।
Research paper on litholytic effect of kultha http://www.japi.org/may_2010/Article_02.pdf
List of all herbs with litholyic properties( Documented Research paper) http://www.ijidd.com/File_Folder/66-75.pdf
http://www.ijppsjournal.com/Vol4Suppl4/4478.pdf
Recipe of Horsegram http://www.chitrasfoodbook.com/2012/10/kollu-rasam-horsegram-rasam-recipe.html
http://simplefoodbowl.com/cooking/horse-gram-dal-soup-ullava-chaaru/
http://tamalapaku.blogspot.in/2014/12/ulavacharu-kollu-rasam-horsegram-rasam.html
प्रयोग की विधि: ( केवल 10 मिली मीटर से छोटे स्टोन के लिए)
1. बाज़ार से एक किलो कुलथी दाल खरीद लें ।
2. रात में 250 ग्राम कुलथी पानी से धो लें ।
3. अब धुली कुलथी को एक बड़े बर्तन या पतीले (3-4 लीटर क्षमता ) में डालें और बर्तन में 3 किलो पानी भर दें, पूरी रात भिगोएँ।
4. सुबह होने पर बर्तन धीमी आँच पर गॅस पर चढ़ा दें ।
5. जब पानी घट कर एक किलो रह जाय तो आँच से हटा लें ।
6. अब 50 ग्राम घी में कुछ काला नमक, काली मिर्च, जीरा और हल्दी डालकर छोंक लगाएँ और कुलथी के पानी वाले पतीले में मिला दें ।
7. दोपहर के भोजन के स्थान पर 250 ग्राम सूप पिए ।
8. शाम को भी भोजन के स्थान पर 250 ग्राम सूप पिए ।
9. इस पानी को रोज पिएं। इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
10. पानी ( सूप) पीने के बाद बची कुलथी से राजमा की तरह दाल बनाकर सब्जी- रोटी की तरह खा सकते हैं।
11. सूप पीने के बाद यदि व्यक्ति को भूख लग रही है तो एक चपाती ली जा सकती है।
12. पथरी एक के बाद एक या दो सप्ताह में स्वयं द्वारा बाहर आ जायगी।
गन्ने के रस, नारियल पानी और जौ का पानी सब लगभग सभी मूत्र रोगों से राहत दिलाने में सहायक होते हैं।
क्या ना खाएँ
टमाटर, चावल, सूखे मेवे, चॉकलेट, चाय, शराब, माँस मछली, भिंडी
अन्य विवरण:
बाजार में कुलथी किसी भी किराने की दुकान में आसानी से मिल जाती है।आजकल ऑनलाइन शॉपिंग से भी खरीद सकते हैं मेरा एक दोस्त तो सदर बाज़ार दिल्ली से खरीद कर लाया था
वानस्पतिक नाम : मकरोटयलोमा उनिफ्लोरूम ( Macrotyloma uniflorum) है।
यह एक सीधा, उप-सीधा या पीछे, घनी बालों वाले वार्षिक पौधा है।
परिवार: पॅपिलोनेसी फाबियासी Papilionaceae; Fabaceae
स्थानीय भाषा के नाम: संस्कृत: Kulatha, बंगाली: Kurtikalai, गुजराती: Kalathi, Kulit; हिन्दी: Kulthi; कन्नड़: Hurali, मलयालम: Muthiva, Muthera, मराठी: Kulith, Kulthi, तमिल: Kollu, तेलुगू: Ulavalu, व्यापार नाम: हॉर्स ग्राम
कुलथी दाल मूत्रवर्धक और पाशाण भेदक( antilithiatic or litholytic) गुण है। यह चिकित्सकीय Kulthi दल के काढ़े छोटे कणों में मूत्राशय की पथरी टूट जाता है और इस प्रकार शरीर से पत्थर expels कि स्थापित है।
ज्यादा इस्तेमाल 1 सेंटीमीटर से छोटी पथरी में यह सफल औषधि है।
25 ग्राम कुलथी को 400 मिलीलीटर पानी शेष रहने पर 50-50 मिलीलीटर सुबह शाम एक माह रोगी को पिलाने से पेशाब के साथ निकल जाती है। लेने के पहले और बाद में अपनी जांच जरुर करवा लें, नतीजा सामने आ जाएगा।
इसे अन्य दाल की तरह भी खाया जाता है। कुलथी 25 ग्राम लेकर मोटी-मोटी दरदरी कूटकर 16 गुने पानी में पकाएं, चौथा भाग पानी शेष रहने पर उतारकर छान लें, इसमें से 50 मिलीलीटर सुबह शाम लेते रहें। इसमें थोड़ा सेंधा नमक भी मिला दें।
पथरी दुबारा न हो: जिस व्यकित को पथरी एक बार हो जाती है, उसे फिर से होने का भय बना रहता है। इसलिए पथरी निकालने के बाद भी रोगी कभी-कभी इसका सेवन करते रहें।
Read more at: http://hindi.boldsky.com/health/wellness/2012/kulthi-removes-kidney-stones-aid0204.html
कुलथी उड़द के समान होती है। यह देखने में लाल रंग की होती है, इसकी दाल बना कर रोगी को दी जाती है।
कुछ वैज्ञानिक कहते हैं कि यह मूत्र की मात्रा बढ़ाती है जबकि कुछ कहते हैं कि कुलथी के सेवन से पथरी टूट कर या धुल कर छोटी होती जाती है, जिससे पथरी सरलता से मूत्राशय में जाकर पेशाब के रास्ते से बाहर आ जाती है। इसके सेवन से पेशाब की मात्रा और गति बढ़ जाती है, जिससे रुके हुए पथरी कण पर दबाव ज्यादा पड़ने के कारण वह नीचे की ओर खिसक कर बाहर हो जाती है। दिए गये लिंक पर रिसर्च पेपर पढ़ें ।
Research paper on litholytic effect of kultha http://www.japi.org/may_2010/Article_02.pdf
List of all herbs with litholyic properties( Documented Research paper) http://www.ijidd.com/File_Folder/66-75.pdf
http://www.ijppsjournal.com/Vol4Suppl4/4478.pdf
Recipe of Horsegram http://www.chitrasfoodbook.com/2012/10/kollu-rasam-horsegram-rasam-recipe.html
http://simplefoodbowl.com/cooking/horse-gram-dal-soup-ullava-chaaru/
http://tamalapaku.blogspot.in/2014/12/ulavacharu-kollu-rasam-horsegram-rasam.html
प्रयोग की विधि: ( केवल 10 मिली मीटर से छोटे स्टोन के लिए)
1. बाज़ार से एक किलो कुलथी दाल खरीद लें ।
2. रात में 250 ग्राम कुलथी पानी से धो लें ।
3. अब धुली कुलथी को एक बड़े बर्तन या पतीले (3-4 लीटर क्षमता ) में डालें और बर्तन में 3 किलो पानी भर दें, पूरी रात भिगोएँ।
4. सुबह होने पर बर्तन धीमी आँच पर गॅस पर चढ़ा दें ।
5. जब पानी घट कर एक किलो रह जाय तो आँच से हटा लें ।
6. अब 50 ग्राम घी में कुछ काला नमक, काली मिर्च, जीरा और हल्दी डालकर छोंक लगाएँ और कुलथी के पानी वाले पतीले में मिला दें ।
7. दोपहर के भोजन के स्थान पर 250 ग्राम सूप पिए ।
8. शाम को भी भोजन के स्थान पर 250 ग्राम सूप पिए ।
9. इस पानी को रोज पिएं। इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
10. पानी ( सूप) पीने के बाद बची कुलथी से राजमा की तरह दाल बनाकर सब्जी- रोटी की तरह खा सकते हैं।
11. सूप पीने के बाद यदि व्यक्ति को भूख लग रही है तो एक चपाती ली जा सकती है।
12. पथरी एक के बाद एक या दो सप्ताह में स्वयं द्वारा बाहर आ जायगी।
गन्ने के रस, नारियल पानी और जौ का पानी सब लगभग सभी मूत्र रोगों से राहत दिलाने में सहायक होते हैं।
क्या ना खाएँ
टमाटर, चावल, सूखे मेवे, चॉकलेट, चाय, शराब, माँस मछली, भिंडी
अन्य विवरण:
बाजार में कुलथी किसी भी किराने की दुकान में आसानी से मिल जाती है।आजकल ऑनलाइन शॉपिंग से भी खरीद सकते हैं मेरा एक दोस्त तो सदर बाज़ार दिल्ली से खरीद कर लाया था
वानस्पतिक नाम : मकरोटयलोमा उनिफ्लोरूम ( Macrotyloma uniflorum) है।
यह एक सीधा, उप-सीधा या पीछे, घनी बालों वाले वार्षिक पौधा है।
परिवार: पॅपिलोनेसी फाबियासी Papilionaceae; Fabaceae
स्थानीय भाषा के नाम: संस्कृत: Kulatha, बंगाली: Kurtikalai, गुजराती: Kalathi, Kulit; हिन्दी: Kulthi; कन्नड़: Hurali, मलयालम: Muthiva, Muthera, मराठी: Kulith, Kulthi, तमिल: Kollu, तेलुगू: Ulavalu, व्यापार नाम: हॉर्स ग्राम
कुलथी दाल मूत्रवर्धक और पाशाण भेदक( antilithiatic or litholytic) गुण है। यह चिकित्सकीय Kulthi दल के काढ़े छोटे कणों में मूत्राशय की पथरी टूट जाता है और इस प्रकार शरीर से पत्थर expels कि स्थापित है।
ज्यादा इस्तेमाल 1 सेंटीमीटर से छोटी पथरी में यह सफल औषधि है।
25 ग्राम कुलथी को 400 मिलीलीटर पानी शेष रहने पर 50-50 मिलीलीटर सुबह शाम एक माह रोगी को पिलाने से पेशाब के साथ निकल जाती है। लेने के पहले और बाद में अपनी जांच जरुर करवा लें, नतीजा सामने आ जाएगा।
इसे अन्य दाल की तरह भी खाया जाता है। कुलथी 25 ग्राम लेकर मोटी-मोटी दरदरी कूटकर 16 गुने पानी में पकाएं, चौथा भाग पानी शेष रहने पर उतारकर छान लें, इसमें से 50 मिलीलीटर सुबह शाम लेते रहें। इसमें थोड़ा सेंधा नमक भी मिला दें।
पथरी दुबारा न हो: जिस व्यकित को पथरी एक बार हो जाती है, उसे फिर से होने का भय बना रहता है। इसलिए पथरी निकालने के बाद भी रोगी कभी-कभी इसका सेवन करते रहें।
Read more at: http://hindi.boldsky.com/health/wellness/2012/kulthi-removes-kidney-stones-aid0204.html
Other Methods:
- Soak 250 gms of horse gram (kulath) in 3 kg of water at night. Heat it slowly in the morning for at
- least 4 hours and when one kilo is left, remove from the flame. Now warm 30-50 gms of clarified butter and add that one kilo with horse gram in it. Add some black salt, black pepper, cumin seeds and turmeric in the ghee. Drink this soup once in the afternoon at 12 P.M. instead of having lunch. At least drink 250 gms. The stone will come out by itself in one or two weeks after being broken into pieces.
- Drink this water daily. It has no side effects.
- If after drinking soup a person is not able to control hunger then one chapatti can be taken.
- It is also helpful in inflammation of kidneys.
- Also helpful in backache. If the horse gram recipe is prepared and taken daily along with chapatti, the kidney stone will be broken into pieces and passed along with urine. It increases lubrication in the bones.
- Indications: cucumber, watermelon seeds, radish, Indian gooseberry, pineapple, mung, barley and 6-8 glasses of plain water should be taken along with this treatment.
- Contraindications: tomatoes, rice, dry fruits, chocolates, tea, alcohol, nonvegetarian food, lady's finger. Do not retain urine and do not sit continuously in one position.
- Horse gram removes extra vata and kapha and stops its accumulation. It stops the formation and reformation of stones because it has both qualities of excessive urination and breaking of stones.
- Its regular use decreases fat, as it is also helpful in liver and spleen problems.
- Soak 50 gms horse gram seeds in 250 gms of water at night. Boil in the morning. When 100 gms of water is left stop heating it and make the person drink it when it is warm. Drink twice a day, morning and evening, and the stones will disintegrate.
- It is a long procedure of 4 to 6 months.
- After drinking the water make a recipe of the rest of the horse gram by adding ghee with salt, turmeric and cumin seeds and eat chapatti. This will help in the treatment. Clean the seeds of horse gram with a soft cloth and keep them in a plastic bag. Now keep in a tin or glass vessel.
- Grapes and litchi are good sources of potassium and sodium and good for both kidney and gall-stone.
- Carrot, cucumber and beetroot juice taken together dissolve the kidney stone gradually if taken regularly.
- Powder of peels of muskmelon (start from half teaspoon and increase to two) taken daily with water relieves kidney pain.
- For associated treatments see hints on Urinary Ailments.
- Sugarcane juice, coconut water and barley water are all helpful in relieving almost all urinary ailments.
For making horse gram (kulath) water
In a glass vessel soak 20 gms of horse gram in 250 gms of water at night. In the morning mix it with a plastic spoon, and drink on an empty stomach. Now add the same amount of water in the glass containing horse gram and drink in the afternoon. Then add the same amount of water in that and drink in the evening. After drinking water thrice dipped in the same horse gram, add 20 gms of horse gram seeds for the next day. By drinking this water for one to three months uretic or kidney stone dissolves and comes out. With this water-increased blood pressure and cholesterol decrease.